भगतसिंह यांनी लिहिलेली कविता
हिंद के बहादुरों ........
हिंद के बहादुरों, वक्त की पुकार हैं
बढ़ाना हे, बढ़ाना हे
आगे सबसे बढ़ाना हैं l
दिलो में जलती आग हैं
हथेलियो पे जान हे l
हौसले बुलंद हैं,
गगन छुनेवाले हैं l
आंधियाँ चले बिजलियाँ गिरे
हनुमान की छलांग लेके, वीर बनके चलाना हैl
हिंद के बहादुरों .....
हम हैं दूत शांति के
विश्व को बताना है
जंगखोर हम नही
अतीत भी गवाह है
ये बुद्ध की धरा, ये गान्धी की धरा
निति धर्म कर्म योग आज हमको लाना है
हिंद के बहादुरों .....
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